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पहिली ते दहावी संपूर्ण अभ्यास

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शुक्रवार, १० जून, २०२२

मेरा प्रिय शिक्षक

               मेरा प्रिय शिक्षक 



 [(1) प्रिय शिक्षक का उल्लेख (2) व्यक्तित्व (3) विदयता और पढ़ाने का ढंग (4) अन्य गतिविधियों में रुचि (5) विद्यार्थियों से व्यवहार]

       हमारे विद्यालय में अनेक शिक्षक है। मैं उन सबका बहुत सम्मान करता हूँ। इनमें श्री गिरिजानंदन शर्मा मेरे प्रिय शिक्षक है। शर्मा जी की आयु करीब 45 वर्ष है। वे लंबे, गोरे और स्वस्थ व्यक्ति हैं। उनके बाल पैपराले हैं।

        शर्मा जी अकसर सफेद कमीज और नीली पेंट पहनते हैं। उनकी वाणी बहुत मधुर है। उन्हें जल्दी गुस्सा नहीं आता। पर जब हम अनुशासन का पालन नहीं करते तब उन्हें क्रोध आ जाता है। शर्मा जी बहुत विद्वान हैं। हिंदी और अंग्रेजी उनके मुख्य विषय है। पर अन्य विषयों पर भी उनका अच्छा अधिकार है। ये सभी विषय बहुत अच्छे ढंग से पढ़ाते हैं। विषय को समझाने के लिए ये अनेक उदाहरण देते हैं। छोटी छोटी कहानियों द्वारा वे कठिन विषय को भी सरल और रोचक बना देते हैं। पढ़ाई में कमजोर विदयार्थियों पर ये विशेष ध्यान देते हैं। इसलिए सभी विद्यार्थी कक्षा में उनके आने का इंतजार करते रहते हैं। 

       शर्मा जी स्कूल की अन्य गतिविधियों में भी रुचि लेते हैं। वे क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी हैं। उनकी देखरेख में हमारे विद्यालय की क्रिकेट टीम कई प्रतियोगिताएँ जीत चुकी है। शर्मा जी नाटक, वाद-विवाद निबंध आदि को प्रतियोगिताओं में भी विद्यार्थियों का उचित मार्गदर्शन करते हैं। पाठशाला के वार्षिक समारोह का आयोजन करने में उनका बहुत योगदान रहता है। इस कार्यक्रम का संचालन भी ये स्वयं ही करते हैं। 

       शर्मा जी विद्यार्थियों के प्रति बहुत स्नेह रखते हैं। वे हमेशा उनकी मदद करने के लिए तत्पर रहते हैं। वे गरीब विद्यार्थियों की आर्थिक मदद भी करते हैं। 

     सादगी, सरलता और मिलनसार स्वभाव के कारण गिरिजानंदन शर्मा हमारे आदर्श शिक्षक हैं।

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