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पहिली ते दहावी संपूर्ण अभ्यास

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सोमवार, १८ सप्टेंबर, २०२३

मेरा प्रिय नेता

 

                                     मेरा प्रिय नेता 



[ रूपरेखा : (1) प्रिय नेता का उल्लेख (2) जीवन की झलक (3) देश सेवा के कार्य (4) राष्ट्रपिता उपाधि मिलना (5) उपसंहार ।]

             हमारे देश में एक से बढ़कर एक देशप्रेमी नेता हुए हैं। गोपाल कृष्ण गोखले, बाल गंगाधर टिळक, महात्मा सुभाषचंद्र बोस, सरदार पटेल, जवाहरलाल नेहरू, लालबहादुर शास्त्री, जयप्रकाश नारायण जैसे अनेक नेताओं के नाम भारत इतिहास में अमर हैं। इन सभी नेताओं के प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान की भावना है। पर इन सब में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी प्रिय नेता है।

                 गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद गांधी श्री माता का नाम पुतलीबाई था। भारत में पढ़ाई पूरी करने के बाद वे इंग्लैंड गए। वहाँ से वे बैरिस्टर बनकर भारत लौटे। 

                   इसके बाद वे वकालत करने दक्षिण अफ्रीका गए। दक्षिण अफ्रीका में उस समय अंग्रेजों का राज था। अंग्रेज वहाँ भारतीयों पर तरह तरह के जुल्म ढाया करते थे। अतः उन भारतीयों के अधिकारों की रक्षा के लिए गांधी जी ने कमर कस ली। उन्होंने अंग्रेज सरकार के खिलाफ सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया। इसमें उन्हें सफलता मिली। इसके बाद वे भारत लौटे। दिनों भारत में भी अंग्रेजों का शासन था। भारत आकर उन्होंने देश की आजादी के लिए असहयोग आंदोलन चलाया। गांधी जी ने जनता के मन में राष्ट्रीयता व स्वतंत्रता की भावना जगाई। उन्होंने अंग्रेजों से लड़ने के लिए लोगों को एकजुट किया। गांधी की पुकार पर आजादी के दीवानों की टोलियों अहिंसक संग्राम में कूद पड़ीं। आखिरकार गांधी जी के नेतृत्व में देश आबाद हुआ। सचमुच, गांधी जी महान नेता थे। 

                       भारत स्वतंत्र होने पर गांधी जी ने नए समाज की नींव डाली। अंग्रेजों द्वारा शोषण होने से हमारे देश में बहुत गरीबी थी। गांधी जी ने तकली और चरखे दुद्वारा भारतवासियों की रोजी-रोटी की समस्या हल करने का प्रयत्न किया। उन्होंने शराबबंदी ला करने, निरक्षरता मिटाने, स्त्रियों को शिक्षा दिलाने गाँवों का उद्धार करने तथा शुआछूत को समस्या को दूर करने के लिए जी-तोड़ प्रयास किए। देशवासियों के कल्याण व प्रगति के लिए वे जीवन भर प्रयास करते रहे। इन कार्यों के लिए देश की जनता ने भी उनका साथ दिया। 

                     गांधी जी सत्य, अहिंसा और प्रेम के पुजारी थे। वे सही अर्थों में भारत की सामान्य जनता के प्रतिनिधि थे। वे दया और क्षमा की जीवंत मूर्ति थे। उन्होंने नवीन भारत का निर्माण किया। इसलिए देश की जनता ने उन्हें राष्ट्रपिता का सम्मान दिया। गांधी जी युग निर्माता व महान नेता थे, इसीलिए वे मेरे प्रिय नेता हैं।

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